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तौरात बरकतों और ला’नतों के साथ ख़त्म होता है

हम ने अपने आख़री बयान में मे’यारों को देखा जो अल्लाह ने दिए ताकि हम सच्चे नबियों को पेह चान सकें कि वह अपने पैग़ाम का हिस्सा बतोर मुस्तक़बिल की बाबत पेश्बिनी करे ।हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) ने खुद ही इस मेयार को बनी इस्राईल के मुस्तक़बिल की बाबत पेशबीनी करने के ज़रिये नाफ़िज़ किया । उन में से सारी सच साबित हुईं यह साबित करने के लिए कि यह पैग़ाम अल्लाह कि तरफ़ से थीं । यह पेश बीनियाँ बनी इस्राईल पर ला’नतों और बरकतों बतोर उनपर ज़ाहिर होते रहे । यहां पर आप इन बरकतों और लानतों को पढ़ सकते हैं । इन की ख़ास सुर्ख़ियाँ ज़ेल में दी गई हैं –

हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) की बरकतें

हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) उन अजीब ओ ग़रीब बरकतों का बयान करते हुए शुरू करते हैं जिन को बनी इस्राईल इस शर्त पर हासिल करेंगे अगर वह अल्लाह के अहकाम पर चलेंगे । अगर बनी इसराईल अल्लाह के हुक्मों पर चल कर कामयाब होते हैं तो यह ग़ैर क़ौमों के लिए भी एक मिसाल बतोर साबित होंगे ताकि वह इन बरकतों को पेहचान सकें जिसतरह लिखा है :

  10 तब पृथ्वी के सभी लोग देखेंगे कि तुम यहोवा के नाम से जाने जाते हो और वे तुमसे भयभीत होंगे।

इस्तिसना 28:10

किसी तरह अगर वह अल्लाह के अहकाम मानने में न काम हो जाते हैं तो बनी इस्राईल लानत के हक़दार होंगे जो बरकत का बिलकुल उल्टा है । यह लानतें मुक़ाबला करेंगी और बरकतें आइना दिखाएंगी । इन लानतों को चारों तरफ़ की ग़ैर क़ौमों में भी देखी जाएंगी –

  37 जिन देशों में यहोवा तुम्हें भेजेगा उन देशों के लोग तुम लोगों पर आई विपत्तियों को सुनकर स्तब्ध रह जाएंगे। वे तुम्हारी हँसी उड़ायेंगे और तुम्हारी निन्दा करेंगे।

इस्तिसना 28:37

और यह लानतें बनी इस्राईल के खुद के लिए होंगे –

46 ये अभिशाप लोगों को बताएंगे कि परमेश्वर ने तुम्हारे वंशजों के साथ सदैव न्याय किया है। ये अभिशाप संकेत और चेतावनी के रूप में तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को हमेशा याद रहेंगे।

इस्तिसना 28:46

और अल्लाह ने उनको ख़बरदार किया था कि लानतों का सब से बदतरीन हिस्सा दीगर क़ौमों (ग़ैर क़ौमों) कि तरफ़ से आएँगी –

49 “यहोवा तुम्हारे विरुद्ध बहुत दूर से एक राष्ट्र को लाएगा। यह राष्ट्र पृथ्वी की दूसरी ओर से आएगा। यह राष्ट्र तुम्हारे ऊपर आकाश से उतरते उकाब की तरह शीघ्रता से आक्रमण करेगा। तुम इस राष्ट्र की भाषा नहीं समझोगे। 50 इस राष्ट्र के लोगों के चेहरे कठोर होंगे। वे बूढ़े लोगों की भी परवाह नहीं करेंगे। वे छोटे बच्चों पर भी दयालु नहीं होंगे। 51 वे तुम्हारे मवेशियों के बछड़े और तुम्हारी भूमि की फसल तब तक खायेंगे जब तक तुम नष्ट नहीं हो जाओगे। वे तुम्हारे लिये अन्न, नयी दाखमधु, तेल तुम्हारे मवेशियों के बछड़े अथवा तुम्हारे रेवड़ों के मेमने नहीं छोड़ेंगे। वे यह तब तक करते रहेंगे जब तक तुम नष्ट नहीं हो जाओगे।

52 “यह राष्ट्र तुम्हारे सभी नगरों को घेर लेगा। तुम अपने नगरों के चारों ओर ऊँची और दृढ़ दीवारों पर भरोसा रखते हो। किन्तु तुम्हारे देश में ये दीवारें सर्वत्र गिर जाएंगी। हाँ, वह राष्ट्र तुम्हारे उस देश के सभी नगरों पर आक्रमण करेगा जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है।

इस्तिसना 28:49-52

और यह बद से बदतर की तरफ़ जाएगा –

63 “पहले यहोवा तुम्हारी भलाई करने और तुम्हारे राष्ट्र को बढ़ाने में प्रसन्न था। उसी तरह यहोवा तुम्हें नष्ट और बरबाद करने में प्रसन्न होगा। तुम उस देश से बाहर ले जाए जाओगे जिसे तुम अपना बनाने के लिये उसमें प्रवेश कर रहे हो। 64 यहोवा तुम्हें पृथ्वी के एक छोर से दूसरी छोर तक संसार के सभी लोगों मे बिखेर देगा। वहाँ तुम दूसरे लकड़ी और पत्थर के देवताओं को पूजोगे जिन्हें तुमने या तुम्हारे पूर्वजों ने कभी नहीं पूजा।

65 “तुम्हें इन राष्ट्रों के बीच तनिक भी शान्ति नहीं मिलेगी। तुम्हें आराम की कोई जगह नहीं मिलेगी। यहोवा तुम्हारे मस्तिष्क को चिन्ताओं से भर देगा। तुम्हारी आँखें पथरा जाएंगी। तुम अपने को ऊखड़ा हुआ अनुभव करोगे।

इस्तिसना 28 : 63-65

और यह बरकतें और लानतें एक अहद के ज़रिये क़ायम की गई थीं । (एक मुआहदा)

12 तुम सभी यहाँ यहोवा अपने परमेश्वर के साथ एक वाचा करने वाले हो। यहोवा तुम लोगों के साथ यह वाचा आज कर रहा है। 13 इस वाचा द्वारा यहोवा तुम्हें अपने विशेष लोग बना रहा है और वह स्वंय तुम्हारा परमेश्वर होगा। उसने यह तुमसे कहा है। उसने तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को यह वचन दिया था। 14 यहोवा अपना वचन देकर केवल तुम लोगों के साथ ही वाचा नहीं कर रहा है। 15 वह यह वाचा हम सभी के साथ कर रहा है जो यहाँ आज यहोवा अपने परमेश्वर के सामने खड़े हैं। किन्तु यह वाचा हमारे उन वंशजों के लिये भी है जो यहाँ आज हम लोगों के साथ नहीं हैं। ()

इस्तिसना 29 :12-15

दुसरे लफ़्ज़ों में  यह अहद बनी इस्राईल की औलाद (नसल) से बंधा रहा होगा या मुताक्बिल की नस्लों के साथ । दर असल यह अहद मुस्तक़बिल की नसल की तरफ़ ही इशारा करती थीं –  बनी इस्राईल और ग़ैर क़ौमों की तरफ़ –

21 यहोवा उस व्यक्ति को क्षमा नहीं करेगा। नहीं, यहोवा उस व्यक्ति पर क्रोधित होगा और बौखला उठेगा। इस पुस्तक में लिखे सभी अभिशाप उस पर पड़ेंगे। यहोवा उसे इस्रएल के सभी परिवार समूहों से निकाल बाहर करेगा। यहोवा उसको पूरी तरह नष्ट करेगा। सभी आपत्तियाँ जो इस पुस्तक में लिखी गई हैं, उस पर आयेंगी। वे सभी बातें उस वाचा का अंश हैं जो व्यवस्था की पुस्तक में लिखी गई हैं।

22 “भविष्य में, तुम्हारे वंशज और बहुत दूर के देशों से आने वाले विदेशी लोग देखेंगे कि देश कैसे बरबाद हो गया है। वे उन लोगों को देखेंगे जिन्हें यहोवा उनमें लायेगा। 23 सारा देश जलते गन्धक और नमक से ढका हुआ बेकार हो जाएगा। भूमि में कुछ भी बोया हुआ नहीं रहेगा। कुछ भी, यहाँ तक कि खर—पतवार भी यहाँ नहीं उगेंगे। यह देश उन नगरों—सदोम, अमोरा, अदमा और सबोयीम, की तरह नष्ट कर दिया जाएगा। जिन्हें यहोवा, ने तब नष्ट किया था जब वह बहुत क्रोधित था।

24 “सभी दूसरे राष्ट्र पूछेंगे, ‘यहोवा ने इस देश के साथ ऐसा क्यों किया? वह इतना क्रोधित क्यों हुआ?’ 25 उत्तर होगा: ‘यहोवा इसलिए क्रोधित हुआ कि इस्राएल के लोगों ने यहोवा, अपने पूर्वजों के परमेश्वर की वाचा तोड़ी। उन्होंने उस वाचा का पालन करना बन्द कर दिया जिसे योहवा ने उनके साथ तब किया था जब वह उन्हें मिस्र देश से बाहर लाया था। 26 इस्राएल के लोगों ने ऐसे अन्य देवाताओं की सेवा करनी आरम्भ की जिनकी पूजा का ज्ञान उन्हें पहले कभी नहीं था। यहोवा ने अपने लोगों से उन देवताओं की पूजा करना मना किया था। 27 यही कारण है कि यहोवा इस देश के लोगों के विरुद्ध बहुत क्रोधित हो गया। इसलिए उसने इस पुस्तक में लिखे गए सभी अभिशापों को इन पर लागू किया।

इस्तिसना 29 :21-27

क्या हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) की बरकतें और लानतें बनी इस्राईल पर वाक़े हुईं ?

बनी इस्राईल के लिए जिन बरकतों का वायदा किया गया था वह बहुत ही अजीब ओ ग़रीब थे , मगर जो ला’नतें उन पर नाफ़िज़ की गई थीं वह बहुत संजीदा थे: किसी तरह जो अहम् सवाल हम पूछ सकते हैं वह यह है कि “क्या यह चीज़ें वाक़े हुईं थीं” ? इस का जवाब देते हुए हम देखेंगे कि हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) हर सूरत में एक सच्चे नबी थे और आज भी हम अपनी जिंदगियों के लिए उनकी रहनुमाई हासिल करते रहेंगे –

इस का जवाब हमारी अपनी गिरफ़त में है । पुराने अहद्नामे की ज़ियादा तर किताबें बनी इस्राईल की तारीख़ की दास्तां पेश करती हैं जो हम देख सकते हैं कि इस में क्या कुछ ज़िक्र पाया जाता है । पुराने अहद नामे के अलावा भी कुछ बाहिरी तारीख़ी क़लम्बंद जो यहूदी तारीख़दानों जैसे जोसफ़स, यूनानी रोमी तारीख़दान जैसे टेसिटस और इन के अलावा हम ने कई एक आसारे क़दीमा से मुताल्लिक़ दस्तावेज़ देखे हैं । यह तमाम ज़राए इस बात से राज़ी हैं और बनी इस्राईल की तारीख़ की तस्वीर कशी करते हैं । यह हमारे लिए एक दूसरा निशान है । यहां बनी इस्राईल की तारीख का पस मंज़र वक़्त की लकीर (टाइम लाइन) के साथ तस्वीर कशी की गई है । बेहतर तरीक़े से देखने में मदद करने के लिए कि उनकी तारीख़ में क्या हुआ –

इस तारीख़ में हम क्या देखते हैं ? जी हाँ । हक़ीक़त में हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) की लानतें बहुत ही हौलनाक थीं जो उन पर वाक़े हुईं –  और हूबहू वैसे ही जैसे उन्हों ने हज़ारों साल पहले लिखा था । यहाँ हम आप को याद दिलाना चाहते हैं कि यह पेशीन गोइयाँ वाक़े होने बाद नहीं बल्कि वाक़े होने पहले लिखे गए थे –

मगर हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) की ला’नतें वहीँ तक ख़तम नहीं हुईं बल्कि वह जारी रहीं ।यहाँ ज़ेल के हवाले में वह बात लिखी है कि हज़रत मूसा (अलैहिस्सलाम) ने किस अंदाज़ में इन लानतों को अंजाम तक पहुंचाया (ख़त्म किया)।

  “जो मैंने कहा है वह तुम पर घटित होगा। तुम आशीर्वाद से अच्छी चीजें पाओगे और अभिशाप से बुरी चीज़ें पाओगे। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दूसरे राष्ट्रों में भेजेगा। तब तुम इनके बारे में सोचोगे। उस समय तुम और तुम्हारे वंशज यहोवा, अपने परमेश्वर के पास लौटेंगे। तुम पूरे हृदय और आत्मा से उन आदेशों का पालन करोगे जो आज हम ने दिये हैं उनका पूरा पालन करोगे। तब यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम पर दयालु होगा। यहोवा तुम्हें फिर स्वतन्त्र करेगा। वह उन राष्ट्रों से तुम्हें लौटाएगा जहाँ उसने तुम्हें भेजा था। चाहे तुम पृथ्वी के दूरतम स्थान पर भेज दिये गये हो, यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर तुमको इकट्ठा करेगा और तुम्हें वहाँ से वापस लाएगा। यहोवा तुम्हें उस देश में लाएगा जो तुम्हारे पूर्वजों का था और वह देश तुम्हारा होगा। यहोवा तुम्हारा भला करेगा और तुम्हारे पास उससे अधिक होगा, जितना तुम्हारे पूर्वजों के पास था और तुम्हारे राष्ट्र में उससे अधिक लोग होंगे जितने उनके पास कभी थे।

इस्तिसना 30:1-5

एक ज़रूरी सवाल फिर से पूछने के लिए यह है कि : क्या यह यूँ ही वाक़े हुई थीं ? उनकी तारीख़ के सिलसिले को जान्ने के लिए यहाँ पर किलिक करें।

तारेत का इख़तिताम – ज़बूर को अमल में लाया जाना

इन सारी बरकतों और ला’नतों के साथ तौरेत इख़तिताम तक पहुचता है । तौरेत की तसनीफ़ के कुछ ही अरसे बाद हज़रत मूसा की मौत हो जाती है फिर बनी इस्राईल हज़रत मूसा के जानिशीन – यशौ – के मातहत में वायदा किया हुआ  मुल्क में दाख़िल होते हैं । जिस तरह से बनी इसराईल की तारीख़ में समझाया गया है बनी इसराईल वहां पर बग़ैर एक बादशाह और पाए तख़्त शहर के रह रहे थे जब तक कि बादशाह ।ए। अज़ीम दाऊद की हुकूमत का आग़ाज़ न हुआ उसने पुराने अहद नामे का एक नया बाब शुरू किया जिसको क़ुरान शरीफ़ ज़बूर के नाम से पुकारता है । हमें ज़बूरों को समझने की ज़रुरत है क्यूंकि यह उन निशानों को जारी रखती है जो तौरेत में शुरू हुई थी । और यह हमें इंजील को भी समझने में मदद करेगी – इसके बाद हम देखते हैं कि कुरान शरीफ़ और ईसा अल मसीह हज़रत दाऊद (अलै.) और ज़बूर की बाबत बताते हैं ।                       

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