Skip to content

खुदा का बेटा’—इस लक़ब को कैसे समझें

शायद इंजील का कोई ऐसा हिस्सा नहीं होगा जिसमें खुदा के बेटे के लक़ब को लेकर मुबाहसा न हो जो नबी ईसा (अलैहिस्सलाम) के लिए लगातार (इंजील ए शरीफ़) में इस्तेमाल किया गया है I इस नाम के खास मक़सद को लेकर क्यूँ बहुत से लोग मशकूक होते हैं कि इंजील की तहरीफ़ बदल चुकी है इंजील की बिगाड़ का मामला (यहाँ) कुरान शरीफ़ से जांचा गया है , (यहाँ) सुन्नत से , इस के अलावा (यहाँ) साईन्स के मुताबिक़ तसनीफ़ ओ तालीफ़ की नुक्ताचीनी से I मगर इस की बे पनाह इखतिताम यह है कि इंजील का बिगाड़ कभी नहीं हुआ और न होगा I मगर इसके बावजूद भी हम इस लक़ब ‘ख़ुदा के बेटे’ को इंजील ए शरीफ़ में किस तरह पाते हैं ?

क्या यह ख़ुदा की वहदानियत के बिलकुल खिलाफ़ है जिस तरह से सूरा अल अखलास में ज़ाहिर किया गया है ?(सूरा — 112 सच्चाई)

कहो: वह भगवान, एक और केवल है;ईश्वर, द इटरनल, एब्सोल्यूट;वह नहीं है, और न ही वह भीख माँग रहा है;और उसके समान कोई नहीं है

सूरा अल – अखलास 112

जिस तरह सूरा अखलास है वैसे ही तौरात भी ख़ुदा की वहदानीयत को शामिल करती है जबकि हज़रत मूसा ने ज़ेल की आयत में ऐलान किया था I

सुनो, हे इज़राइल: भगवान हमारे भगवान, भगवान एक है।

इस्तिसना 6:4

सो किस तरह से ‘ख़ुदा का बेटा’ मुहावरे को समझा जाए ?

इस तहरीर में हम इस मौसूम को समझते हुए गौर करेंगे कि यह कहाँ से आया , इसके क्या मायने हैं , इसके क्या मायने नहीं हैं I तब जाकर हम असबाती हालत में होंगे जिसके साथ हम इंजील ए शरीफ़ से मुत्तफ़िक़ होंगे I

ख़ुदा का बेटा यह मुहावरा कहाँ से आता है ?

‘ख़ुदा का बेटा’ एक लक़ब है जिस का आगाज न्जील ए शरीफ़ से नहीं हुआ I इंजील के मुसन्निफ़ों ने इस लक़ब की ईजाद नहीं की या इसकी शुरुआत नहीं की I न ही यह मसीहीयों के ज़रीए ईजाद की हुई है I हम यह इसलिए कहते हैं क्यूंकि हम जानते हैं कि इसको सब से पहले ज़बूर शरीफ़ में इस्तेमाल किया गया था जब ईसा अल मसीह (अलैहिस्सलाम) के शागिर्द बहुत पहले ज़िंदा थे I ज़बूर का यह हिस्सा हज़रत दाऊद (अलैहिस्सलाम) के जरिये 1000 क़बल मसीह ख़ुदा के इल्हाम से लिखा गया था I आइये हम देखें कि इसका हवाला कहां दिया हुआ है :

ति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैं, और देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैं?
2 यहोवा के और उसके अभिषिक्त के विरूद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और हाकिम आपस में सम्मति करके कहते हैं, कि
3 आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियों अपने ऊपर से उतार फेंके॥
4 वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हंसेगा, प्रभु उन को ठट्ठों में उड़ाएगा।
5 तब वह उन से क्रोध करके बातें करेगा, और क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगा, कि
6 मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।
7 मैं उस वचन का प्रचार करूंगा: जो यहोवा ने मुझ से कहा, तू मेरा पुत्रा है, आज तू मुझ से उत्पन्न हुआ।
8 मुझ से मांग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा।
9 तू उन्हें लोहे के डण्डे से टुकड़े टुकड़े करेगा। तू कुम्हार के बर्तन की नाईं उन्हें चकना चूर कर डालेगा॥
10 इसलिये अब, हे राजाओं, बुद्धिमान बनो; हे पृथ्वी के न्यायियों, यह उपदेश ग्रहण करो।
11 डरते हुए यहोवा की उपासना करो, और कांपते हुए मगन हो।
12 पुत्र को चूमो ऐसा न हो कि वह क्रोध करे, और तुम मार्ग ही में नाश हो जाओ; क्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है॥ धन्य हैं वे जिनका भरोसा उस पर है॥

ज़बूर शरीफ़ 2

यहां पर ‘ख़ुदावंद ख़ुदा’ और उसका ‘मसह किया हुआ’ के बीच एक बात चीत का सिलसिला जारी है I आयत 7 में हम देखते हैं कि ‘ख़ुदावंद ख़ुदा’ (अल्लाह तआला) मसीह से कहता है “… तू मेरा ‘बेटा’ है आज तू मुझ से पैदा हुआ … “I इसको 12 आयत में भी दुहराया गया है और वहाँ हिदायत दी गई है कि “बेटे को चूमो”… जबकि ख़ुदा उस से बात कर रहा है और उसको ‘मेरा बेटा’ कह कर पुकार रहा है तो आप देखें कि यह वह जगह है जहां से ख़ुदा के बेटे का लक़ब का आगाज़ होता है I किस के लिए यह ‘बेटे’ का लक़ब दिया गया ? इसी ज़बूर में इसका जवाब भी है कि यह उसके मसीह के लिए है I दूसरे अल्फ़ाज़ में ‘बेटे’ का यह लक़ब इबारत के तबादिला पिज़ीरी से ‘मसीह’ के साथ इस्तेमाल किया गया है I पिछले तहरीर में हम ने देखा था कि मसह किया हुआ = मसीहा = मसीह=ख्रीस्तुस , और यह ज़बूर भी जहां कि लक़ब मसीहा का भी आगाज़ हुआ है I तो फिर लक़ब ‘ख़ुदा का बेटा’ का भी यहीं इसी इबारत से आगाज़ हुआ I और अगर मसीह = ख्रीस्तुस है तो ख्रीस्तुस का आगाज़ भी यहीं से हुआ I यह ज़बूर शरीफ़ की आयतें 1000 क़बल मसीह में ईसा अल मसीह की पहली आमद से पहले लिखे गए थे I इसे जानते हुए यह हमको समझने देता है कि उसके मुक़द्दमे के दौरान भी हज़रत ईसा के खिलाफ़ ख़ुदा का बेटा होने का इल्ज़ाम लगाया गया था I

येसू के लक़ब : ख़ुदा के बेटे की बाबत उसूल के तोर पर तब्दीलियाँ

66 जब दिन हुआ तो लोगों के पुरिनए और महायाजक और शास्त्री इकट्ठे हुए, और उसे अपनी महासभा में लाकर पूछा,
67 यदि तू मसीह है, तो हम से कह दे! उस ने उन से कहा, यदि मैं तुम से कहूं तो प्रतीति न करोगे।
68 और यदि पूछूं, तो उत्तर न दोगे।
69 परन्तु अब से मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान परमेश्वर की दाहिनी और बैठा रहेगा।
70 इस पर सब ने कहा, तो क्या तू परमेश्वर का पुत्र है? उस ने उन से कहा; तुम आप ही कहते हो, क्योंकि मैं हूं।
71 तब उन्होंने कहा; अब हमें गवाही का क्या प्रयोजन है; क्योंकि हम ने आप ही उसके मुंह से सुन लिया है॥

लूका 22:66-71

यहूदी रहनुमाओं ने सब से पहले येसू से पूछा कि क्या वह मसीह है ? (आयत 67) I अगर मैं आप से पूछूं कि क्या आप फ़लां नाम से जाने जाते हैं ? इस का मतलब यह हुआ कि आप का जो भी नाम है वह नाम मेरे दिमाग में पहले से है इसमें फ़र्क़ यह है कि मैं आप के नाम को आप की शख्सियत से जोड़ने की कोशिश कर रहा हूँ I इसी बतोर हक़ीक़त यह है कि यहूदी रहनुमा येसू से कहते हैं ‘क्या तू वह मसीह है ? इस का मतलब यह है कि मसीह का जो तसव्वुर है वह पहले से ही उन के दमाग में मौजूद था I इसलिए उनका सवाल ‘मसीह’ या (मसह किया हुआ शख्स) का लक़ब ईसा की शख्सियत के साथ शरीक कार हो रहा था I मगर उनहों ने थोड़े सवाल पूछने के बाद अपने मुहावरे को बदल दिया या अपने मुहावरे से पलट गए I और पूछने लगे ,तो फिर क्या तू ‘क्या तू ख़ुदा का बेटा है’? यहाँ इस का मतलब यह हुआ कि वह येसू के लक़ब ‘मसीह’ और ‘ख़ुदा का बेटा’ दोनों मसावी तोर से और तबादिला पिज़ीरी से बर्ताव कर रहे थे I यह दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू थे I (मगर ईसा अलैहिस्सलाम ने आईएन दोनों के बीच ‘बनी आदम’ के साथ जवाब देता है) Iयह एक तीसरा लक़ब है जो दानिएल की किताब के इबारत से है जो यहाँ समझाया गया है I मगर यहूदियों के रहनुमाओं को ‘मसीह’ और ‘ख़ुदा के बेटे’ के बीच का तबादिला पिज़ीर ख़्याल कहां से आया ? उन्हें यह ख़्याल ज़बूर 2 से आया जो येसू की पहली आमद से 1000 साल पहले ख़ुदा के इल्हाम से हज़रत दाऊद के ज़रिये लिखा गया था यह उसूली तोर से येसू के लिए मुमकिन था कि अगर वह मसीह न होता ख़ुदा का बेटा भी नहीं होता I यह वह हालत थी कि यहूदी रहनुमाओं ने ऐसा क़दम उठाया जिस तरह से हम ने ऊपर के बयान में देखा I

उसूली तोर से हज़रत ईसा के लिए यह भी मुमकिन है कि वह ‘मसीह’ और ख़ुदा का बेटा दोनों हों हम यह देखते हैं कि किस तरह पतरस एक रहनुमाई करने वाला हज़रत ईसा का शागिर्द जवाब देता है जब उस से पूछा गया था I इसे इंजील में लिखा गया है :

13 यीशु कैसरिया फिलिप्पी के देश में आकर अपने चेलों से पूछने लगा, कि लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं?
14 उन्होंने कहा, कितने तो यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला कहते हैं और कितने एलिय्याह, और कितने यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं।
15 उस ने उन से कहा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?
16 शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है।
17 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि हे शमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।

मत्ती 16 :13-17

पतरस ‘मसीहा’ के लक़ब को फ़ितरी तोर से ख़ुदा के बेटे के साथ जोड़ता है I क्यूंकि इन दोनों लक़बों को ज़बूर में इस तरह से क़ायम किया और ज़बूर में इस का आगाज़ किया गया है I हज़रत ईसा इसको पतरस के लिए ख़ुदा केआई तरफ़ से मूकाशफ़ा बतोर क़बूल करते हैं I सो येसू ‘मसीहा’ है और और साथ ही वह ख़ुदा का बेटा भी है I

इसलिए येसू के लिए ख़ुद का तखालुफ़ मुमकिन है कि वह मसीह हो और ख़ुदा का बेटा न हो क्यूंकि इन दोनों लक़बों का एक ही ज़रीया और एक ही मतलब है I अगर इसपर कोई एतराज़ करे तो वह एक शक्ल के लिए ऐसा कहेगा कि वह एक दाइरा है मगर गोल नहीं I कोई शक्ल एक मुरब्बा हो सकता है ,इस तरह से न तो वह गोल है और न दाइरा , पर अगर वह गोल है तो वह दाइरा भी है I किसी चीज़ के गोलाई में होने का मतलब ही उस के दाइरे में होने का हिस्सा है मगर यह कहना कि फ़ुलां शक्ल गोल है और वह दाइरे में नहीं है तो वह गैर मुत्तसिल है या फिर गलत फ़हमी का शिकार है कि एक दाइरा और गोल शक्ल क्या मायने रखती है I यही बात ‘मसीह’ और ख़ुदा के बेटे पर भी नाफ़िज़ होती है I पतरस के दावे के मुताबिक़ येसू मसीह और ख़ुदा का बेटा दोनों है या उस के मुक़द्दमे के दिन रहनुमाओं के नज़रिये से वह इन दोनों में से एक भी नहीं है I मगर वह एक होकर दूसरा न एचओएनए ऐसा भी मुमकिन नहीं है I

ख़ुदा का बेटा इस के क्या मायने हैं

सो इस लक़ब के क्या मायने हैं ? एक सबूत ज़ाहिर होता है जिस तरह नया अहदनामा में यूसुफ़ की शख़्सियत का तआरुफ़ किया गया है (फ़िरोन के ज़माने का यूसुफ़ नहीं) बलिक वह बहुत ही पुराने                            था I देखें  शागिरदों में से एक था आप देखेँगे कि उस का लक़ब बरनबास यानी नसीहत का बेटा

36 जोसेफ, साइप्रस का एक लेवी, जिसे प्रेरितों ने बरनबास (“प्रोत्साहन का बेटा”) कहा, 37 ने उसके स्वामित्व वाले एक खेत को बेच दिया और पैसे लाकर प्रेरितों के चरणों में रख दिया।()

आमाल 4:36-37

आप देखें कि यह एक क़ियास किया हुआ नाम है जिस के मायने हैं नसीहत का बेटा —- क्या इंजील यह कह रहा है उसके बाप का लफ़ज़ी नाम नसीहत था , और इस सबब से उसका नाम नसीहत का बेटा रखा गया ? जी नहीं I बिलकुल से नहीं ! नसीहत एक पेचीदा तसव्वुर है जिसकी शरह करना मुश्किल है मगर समझना आसान है क्यूंकि उसे एक एक शख्स को नसीहत करते देखा गया था I और इस तरह से समझा जाता है कि नसीहत करना क्या होता है I इस तरीक़े से यूसुफ़ जो है वह नसीहत का बेटा है I उसने ज़िंदगी जीने के तरीक़े से नसीहत के बेटे की नुमाइंदगी की I

“ख़ुदा को कभी किसी ने नहीं देखा” (यूहनना 1:18) I इस लिए हमारे लिए हक़ीक़त में ख़ुदा की फ़ितरत और उसकी खासियत को समझना मुश्किल है I जो हमको गौर करना ज़रूरी है वह यह है कि ख़ुदा ख़ुद को एक ज़िंदा तरीक़े से नुमाइंदगी करे मगर यह ना मुमकिन है क्यूंकि “ख़ुदा रूह है”और इस तरह वह हमारी नज़रों से ओझल है I इंजील ए शरीफ़ इस तरह से तफ़सील पेश करते हुए ईसा अल मसीह की शख़्सियत को दोनों लक़ब के साथ यानी खुदा का कलाम और खुदा का बेटा बतोर जानते हुए समझाती कि जिंदगी कितनी अहमियत रखती है I

14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
15 यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकारकर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़कर है क्योंकि वह मुझ से पहिले था।
16 क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह।
17 इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची।
18 परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया॥

यूहनना 1:14-18

हम खुदा के फ़ज़ल और सच्चाई को किस तरह से जानते है ? इसे हम ईसा (अलैहिस्सलाम) की जिंदगी से जो जिस्मानी होने के साथ साथ एक ख़ून की जिंदगी थी उसके साथ जीने के ज़रीए साबित किया I उसके शागिर्द ख़ुदा के फ़ज़ल और सच्चाई को येसु मसीह मे सुकूनत करते हुए देखकर ही समझ सके थे I शरीअत के अहकाम जो ख़ुदा के लोगों को मिले हुए थे वह इस आँखों देखी मिसाल को पेश न कर सकी थी I

बेटा,, बराहे रास्त ख़ुदा की तरफ़ से आता है

ख़ुदा के बेटे का एक दूसरा इस्तेमाल भी बेहतर तरीक़े से समझने में हमारी मदद करता है कि हज़रत ईसा (अलैहिस्सलाम) के हक़ में इस के क्या मायने पेश करते हैं I लूक़ा की इंजील येसू मसीह के नसब नामे की फ़ेहरिस्त में (उसके आबा ओ अजदाद से लेकर बेटे तक) को पेश करती है जो पीछे आदम तक लेजाती है I हम इस नसबनामे को लेते हैं जिस के बिलकुल आख़िर में वह कहती है :

38 और वह इनोश का, और वह शेत का, और वह आदम का, और वह परमेश्वर का था॥

लूक़ा 3:38

यहाँ हम देखते हैं कि आदम को ‘ख़ुदा का बेटा’ कहा गया है I क्यूँ ? इसलिए कि आदम का कोई इंसानी बाप नहीं था I वह बराहे रास्त ख़ुदा से आया था I और येसू का भी कोई इंसानी बाप नहीं था , वह कुंवारी से पैदा हुआ था I जिस तरह यूहनना की इंजील में कहा गया है वह बराहे रास्त बाप की तरफ़ से आया I

क़ुरान शरीफ़ से फ़लां के बेटे की मिसाल

इंजील की तरह ही क़ुरान शरीफ़ भी फ़लां के बेटे के इज़हार का इस्तेमाल करता है I इसलिए ज़ेल की आयत पर गौर करें :

(ऐ रसूल) तुमसे लोग पूछते हैं कि हम ख़ुदा की राह में क्या खर्च करें (तो तुम उन्हें) जवाब दो कि तुम अपनी नेक कमाई से जो कुछ खर्च करो तो (वह तुम्हारे माँ बाप और क़राबतदारों और यतीमों और मोहताजो और परदेसियों का हक़ है और तुम कोई नेक सा काम करो ख़ुदा उसको ज़रुर जानता है

सूरा अल बक़रा 2:215

अङ्ग्रेज़ी में वे फ़ारेस (या ट्रावेल्लेर्स) को लफ़ज़ी तोर पर असल अरबी मे ابن السبيل)).या (इबनुस सबील) का इस्तेमाल करते हुए ‘रास्ते का बेटा’ के लिए लिखा गया है I क्यूँ ? क्यूंकि मुफ़स्सिरों और तर्जुमानों ने मुहावरे को समझ लिया था कि यह मुहावरा लफ़ज़ी रास्ते के बेटे का हवाला नहीं देता मगर वह मुसाफ़िरों को जताने के लिए एक इज़हार का ढंग है I मतलब यह कि वह जो मज़बूती से सड़क से ही जुड़े हैं और सड़क पर ही मुनहसर रहते हैं I

ख़ुदा का बेटा क्या मायने नहीं रखता

बाइबल के साथ यह बिलकुल वैसे ही है जब इस लक़ब ख़ुदा के बेटे का इस्तेमाल करते हैं I तौरात शरीफ़ , ज़बूर शरीफ़ या इंजील शरीफ़ में कहीं पर भी ख़ुदा के बेटे के लक़ब को लेकर यह नहीं बताया गया है कि ख़ुदा का किसी औरत के साथ जिंसी ताल्लुक़ात थे I जिस के अंजाम बतोर लफ़ज़ी या जिस्मानी बेटा हुआ हो I यह समझ क़दीम असनाम परसती की है जहां देवताओं की बीवियाँ हुआ करती थीं I मगर बाइबल अल किताब में कहीं पर भी इस बात का कोई ज़िकर नहीं है I यक़ीनी तोर से यह ना मुमकिन है कि जबकि इंजील कहती है येसू कुंवारी से पैदा हुए , इस तरह से बाप का कोई रिश्ता नहीं है I

ख़ुलासा

यहाँ हमने देखा की नबी यसायाह (अलैहिस्सलाम) ने 750 क़बल मसीह में नबुवत की थी कि एक दिन उसके मुस्तक़्बिल में ख़ुदावंद की तरफ़ से बराहे रास्त उस के आने की एक निशानी दी जाएगी

14 इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी।

यसायाह 7:14

शरह के मुताबिक़ कुंवारी के बेटे का कोई इंसानी बाप नहीं होता I यहाँ हम ने देखा कि जिबराईल फ़रिश्ते ने मरयम को यह पैगाम सुनाया कि ऐसा होकर रहेगा क्यूंकि ख़ुदा तआला कि क़ुदरत तुझ पर एसएएवाईए करेगी तो यह ख़ुदा और मरयम के बीच किसी नापाक रिश्ते से नहीं होने वाला था —-जबकि यह यक़ीनी तोर से शिर्क या कुफ़्र नहीं माना जाएगा बल्कि यह बेटा एक मौलूद ए मुक़द्दस होगा और अज़हद बे मिसल तरीक़े से होगा जो बराहे रास्त ख़ुदा की तरफ़ से होगा बगैर इनसानी मनसूबा या कोशिश के I वह बराहे रास्त ख़ुदा की तरफ़ एएजीई बढ़ेगा जिस तरह कलाम हमारी तरफ़ से एलओजीओएन तक पहुंचता है I इस समझ के साथ मसीहा ख़ुदा का बेटा और साथ ही साथ ख़ुदा का कलाम भी था I       

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *